Swachh Bharat Mission Urban 2.0

स्वच्छ लावण्य लोनावला

- स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में लोनावला नगर परिषद ने लगातार छठी बार शीर्ष रैंक में जगह बनाई
- 1 लाख से कम आबादी’ वाली श्रेणी में तृतीय स्थान हासिल किया

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वच्छता सर्वेक्षण शहरों को स्वच्छ रखने के लिए निरंतर प्रेरित करता रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण के 8वें सीजन के अंतर्गत 4500 से ज्यादा शहरों का मूल्यांकन किया गया। देश के स्वच्छ राज्यों की श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले महाराष्ट्र के कई शहरों ने अपनी जगह बनाई। ‘1 लाख से कम आबादी’ वाले शहरों की श्रेणी में पहला और तीसरा स्थान क्रमशः महाराष्ट्र के सासवड और लोनावला ने हासिल किया। महाराष्ट्र का प्रसिद्ध हिल स्टेशन लोनावला न सिर्फ चौथे पायदान से तीसरे पायदान पर पहुंचा बल्कि इस वर्ष भी शीर्ष 5 स्वच्छतम शहरों में अपनी जगह बरकरार रखी। लोनावला को ‘गार्बेज फ्री सिटीज रेटिंग’ (जीएफसी) यानी कचरा मुक्त शहरों की श्रेणी में भी ‘3 स्टार रेटिंग’ प्राप्त हुई है।

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लोनावला ने चौथे पायदान से ऊपर बढ़ते हुए ‘1 लाख से कम आबादी’ वाले शहरों की श्रेणी में तीसरे पायदान पर अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। वरसोली में केंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र का निर्माण किया जिसके तहत केंद्र में ही पिट कंपोस्ट और विंडरो कंपोस्ट का निर्माण करवाया साथ ही श्रेडिंग मशीन यानी कूड़ा कतरने की मशीन का भी उसी केंद्र में प्रबंध करवाया। जिससे गीले और सूखे कचरे का निस्तारण एक ही स्थान पर और कम समय में हो रहा है। वहीं मैटेरियल रीकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) केंद्रों में प्लास्टिक के कचरे को संगठित करने के लिए बेलिंग मशीन की व्यवस्था की गई। वहीं सैनिटरी नैपकीन के निस्तारण के लिए इनसिनेरेशन मशीन भी लगाई गई। इन सभी संयंत्रों की मदद से कचरे का स्रोत पर ही निस्तारण संभव हो पा रहा है। शहर के बल्क वेस्ट जनरेटर यानि थोक में कचरा पैदा करने वालों ने स्वयं ही कचरे के निपटान की जिम्मेदारी उठा रखी है।

शहर से निकलने वाले निर्माण और विध्वंस कचरे के प्रसंस्करण और छंटाई के लिए भी परियोजनाएं चालू की गई हैं। ‘सर्कुलर इकॉनमी’ को बढ़ावा देते हुए कंस्ट्रक्शन एवं डिमोलिशन (सीएंडडी) वेस्ट से बनने वाली ईंटों की बिक्री भी की जाती है। लोनावला शहर में जगह-जगह सेल्फी प्वॉइंट् सहित वेस्ट मैटेरियल से निर्मित 25 से भी अधिक स्कल्पचर देखने को मिलते हैं। शहर में सिंगल यूज़ प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित है इसके साथ ही लोनावला म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने प्रत्येक वार्ड में रिसाइक्लेबल प्लास्टिक वेस्ट से बेंच और स्पीड ब्रेकर लगाने की खास पहल की है। प्रत्येक वार्ड में अस्थायी आरआरआर केंद्र के अलावा हुडको में स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित एक ‘स्थायी आरआरआर केंद्र’ भी खोला है।

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ओपन डेफिकेशन फ्री सर्टिफिकेशन (ओडीएफ) में लोनावला को वॉटर+ सिटी घोषित किया गया है। वॉटर प्लस सर्टिफिकेट उन शहरों को प्रदान किया जाता है जो सभी ओडीएफ डबल प्लस मानकों को पूरा करते हैं। आवासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले अवशिष्ट सीवेज को साफ करने के बाद ही पर्यावरण में छोड़ा जाता है और उपचारित अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग सुनिश्चित किया जाता है। उपचारित जल की गुणवत्ता सुधार कर औद्योगिक कार्यों, कृषि कार्यों, सिंचाई आदि जैसे अन्य कार्यों में प्रयोग किया जाता है जो कि जल संरक्षण के दृष्टीकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। लोनावला शहर में 1 स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और 1 फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) लगे हुए हैं।

लोनावला म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (एलएमसी) द्वारा जल निकायों की सफाई के लिए पर्यवेक्षकों की टीम की मदद से साप्ताहिक सफाई निर्धारित करती है। शहर में महत्वपूर्ण स्थानों पर पानी के फव्वारे लगाए गए। इन जल फव्वारों में एसटीपी से उपचारित पानी का उपयोग किया जाता है। ये पानी के फव्वारे क्षेत्र से धूल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। झीलों में लगाए गए फव्वारे झील के पानी को साफ रखने में भी मदद करते हैं। एलएमसी ने सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों में सौर पैनल भी स्थापित किया है। शौचालय में पानी की टंकियों और लाइटों को चलाने के लिए सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली का प्रयोग किया जाता है। वर्सोली में एसटीपी और एसडब्ल्यूएम प्लांट के पास अपने स्वयं के सौर पैनल हैं जो संबंधित क्षेत्रों को रौशन करते हैं।

‘सफाई मित्रों की सुरक्षा’ के लिहाज से भी लोनावला ने अपनी स्थिति में परिवर्तन किए हैं। प्रत्येक माह सफाई मित्रों को सुरक्षा संबंधित ट्रेनिंग उपलब्ध करवाई जा रही है। ट्रेनिंग के साथ ही सफाई मित्रों को उनकी सुरक्षा से संबंधित उपकरण भी मुहैया कराए जाते हैं। सफाई मित्रों के स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखते हुए, स्वास्थ्य शिविर भी लगाए जाते हैं।

लोनावला ने इन सभी मापदंडों और मानकों का ध्यान रखते हुए न सिर्फ अपनी स्थिति मजबूत की है बल्कि सौ प्रतिशत कचरे के पृथक्करण और निस्तारण के लिए जुर्माने जैसे कड़े कदम भी उठाए हैं। कचरा मुक्त शहर के लक्ष्य की ओर अग्रसर लोनावला के नागरिकों का दृढ़ संकल्प और उत्साह सराहनीय है।

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